सोमवती अमावस्या: जानें मुहूर्त, उपाय और पूजन विधि

हिंदू धर्म में हर माह पड़ने वाली अमावस्या तिथि का विशेष महत्त्व है। इस बार भाद्रपद की अमावस्या 2 सितंबर को पड़ रही है। सोमवार को अमावस्या पड़ने से यह सोमवती अमावस्या होगी। पितरों का आशीर्वाद पाने और उन्हें खुश करने के लिए अमावस्या के दिन तीर्थ में स्नान करने और पितरों के निमित्त दान व तर्पण करने का विशेष महत्त्व है।  

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सोमवती अमावस्या का मुहूर्त 

अमावस्या तिथि 2 सितंबर को सुबह 5 बजकर 21 मिनट से शुरू होकर 3 सितंबर की सुबह 7 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगी।  सोमवती अमावस्या पर सुबह 4 बजकर 38 मिनट से 5 बजकर 24 मिनट तक ब्रह्म मुहूर्त रहेगा और सुबह 6 बजकर 9 बजे से 7 बजकर 44 मिनट तक पूजा का मुहूर्त रहेगा। 

सोमवती अमावस्या पर कैसे करें पूजन? 

सोमवती अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में जागकर किसी तीर्थ स्थान या नदी में स्नान करें और इसके बाद सूर्यदेव को जल अर्पित करें। इस दौरान व्यक्ति को अपने पितरों का तर्पण भी करना चाहिए। इसके साथ ही गाय के कच्चे दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए। 

इसके बाद भगवान शिव को शुद्ध जल से स्नान कराना चाहिए और उनकी पूजा-अर्चना करनी चाहिए। इस दौरान अपनी श्रद्धा और सामर्थ्य के अनुसार दान करने से विशेष लाभ मिलता है। 

और क्या करें? 

  • सोमवती अमावस्या के दिन व्यक्ति को पीपल के पेड़ पर सुबह जल चढ़ाना चाहिए और शाम को दीप दान करना चाहिए। इससे व्यक्ति के घर में सुख-समृद्धि आती है।
  • इसके साथ ही सुहागिन महिलाओं को पीपल के पेड़ की 108 परिक्रमा करनी चाहिए। माना जाता है कि इससे अखंड सौभाग्य मिलता है और वैवाहिक जीवन में चली आ रहीं दिक्कतें खत्म होती हैं। 
  • सोमवती अमावस्या पर जरूरतमंद लोगों को खाना खिलाना चाहिए।
  • आप अपनी नजदीकी गौशाला में गायों के लिए चारे की व्यवस्था भी कर सकते हैं। 

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उलटी दिशा में क्यों बहती है नर्मदा नदी?

नर्मदा नदी यानी ऐसी नदी जिससे निकलने वाला कंकर-कंकर शंकर हो वह प्रेम में धोखा मिलने के बाद से उलटी दिशा में बहने लगी थी। आज हम नर्मदा नदी के प्रण और लव स्टोरी के बारे में ही बात करेंगे। 

दरअसल, माना जाता है कि सोनभद्र व नर्मदा नदी दोस्त थे और दोनों का बचपन साथ में बीता था। दोनों ने बचपन बीतने पर  पर शादी करने का फैसला लिया। इधर बीच नर्मदा की सहेली जुहिला बीच में आ गई और सोनभद्र को जुहिला से प्रेम हो गया। 

जब नर्मदा को यह पता चला तो वह उलटी दिशा में बहने लगीं और कभी शादी न करने की प्रतिज्ञा ली। कहा जाता है कि इस कारण से ही नर्मदा नदी उल्टी बहती हुई अरब सागर में मिल जाती हैं। 

हालांकि, इसके ज्योग्रैफिकल फैक्ट्स को देखें तो ऐसा रिफ्ट वैली के कारण होता है। 

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कौनसे राज खोलती है आपके पैरों की बनावट?

एस्ट्रोलॉजी में जैसे किसी इंसान की कुंडली देखकर उसके बारे में बहुत कुछ बताया जा सकता है, वैसे ही सामुद्रिक शास्त्र में शारीरिक बनावट और चिह्नों से प्रिडिक्शन किया जाता है। 

पैरों की रेखाएं, चिह्न, शेप, अंगुलियों के बीच का गैप वगैरह भी इंसान के बारे में कई राज खोलते हैं। किसी भी व्यक्ति के पैरों की बनावट की स्टडी करके उसके नेचर, पर्सनैलिटी और फ्यूचर के बारे में पता लगाया जा सकता है।

सिर्फ इतना ही नहीं। इससे इंसान के करियर, वह किस उम्र में सफल होगा, पैसे के मामले में उसका भाग्य कैसा है समेत कई पहलूओं के बारे में जाना जा सकता है। 

एड़ियां करती हैं ये खुलासे

कोमल तलवे व सुंदर एड़ियां

जिन लोगों के पैरों में पसीना नहीं होता, तलवे कोमल होते हैं, ऐडियां सुंदर होती हैं, पैरों की अंगुलियों पूरी तरह से मिली होती हैं और पैरों में हमेशा गरमाहट बनी रहती है वे अधिकतर खूब पैसे वाले होते हैं। इनकी लाइफ 

जॉयफुल होती है। ऐसे लोग रॉयल लाइफ जीते हैं और लकी भी होते हैं। 

अगर आपकी भी एड़ियां फटती रहती हैं तो होंगी ये दिक्कतें

अगर बात करें उन लोगों की जिनके पैर की एड़ियां बिना किसी कारण से फटती रहती हैं तो वे अपनी लाइफ में डिसीजन नहीं ले पाते हैं। ऐसे लोगों को किसी भी काम में खुद फैसला या खुद का स्टैंड लेने में बहुत मुश्किल होती है। 

ये लोग पूरी लाइफ में दूसरे के फैसले या सलाह पर ही निर्भर रहते हैं। ऐसे लोगों को यही नहीं पता होता कि इन्हें लाइफ में किस रास्ते में जाना है या इन्हें क्या काम करना है। इन लोगों में आत्मविश्वास की भी काफी कमी होती है।

एड़ियां हमेशा फटी रहती हैं तो होगी आर्थिक तंगी

इसके अलावा जिन लोगों के पैरों की एड़ियां हमेशा फटी हुई रहती हैं उनकी किस्मत उनका साथ नहीं देती है। रुपयों के लिए ऐसे लोग हमेशा परेशान रहते हैं। इनकी लाइफ में कुछ न कुछ समस्या आती रहती है। ऐसे लोग पुराने ख्यालातों के जाने जाते हैं अपनी सोच को बदलना भी नहीं चाहते हैं। 

पैर के आकार से जानें व्यक्ति के बारे में

छोटे पैर वाले होते हैं शॉपिंग के शौकीन

बहुत छोटे पैर वाले लोगों की बात करें तो ये लोग अच्छे-अच्छे सामान की शॉपिंग करने के बहुत शौकीन होते हैं। ऐसे पैरों वाले लोगों को बहुत चीजें खरीदकर उन्हें इकट्ठा करके रखना अच्छा लगता है। ये लोग दूसरे लोगों से ज्यादा से ज्यादा दूरी बनाकर रखते हैं, पर चाहते हैं कि लोग इनके आगे-पीछे घूमते रहें। ऐसे लोग अटेंशन सीकर होते हैं। 

 

पैरों की धनुष जैसी आकृति

सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार, जिन लोगों के पैर धनुष जैसी शेप के होते हैं वे काफी नॉलेजेबल होते हैं। ऐसे लोग कई सपनों को साकार करना चाहते हैं। इस आकार के पैर वाले लोगों को दिन में ही सपने देखने का शौक होता है और ये लोग अपनी मेहनत से उसे असलियत में भी बदल देते हैं। हालांकि, लाइफ में इन्हें जितना भी मिलता है उसी में सेटिस्फाइ हो जाते हैं।

सपाट पैर

सपाट पैर वाले लोगों की बात करें तो ये लोग खुले दिल के होते हैं। ये लोग बहुत ही काइंड नेचर के होते हैं। ऐसे लोग सोशल सर्विस के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। इसके चलते सोशल वर्क में इन लोगों का कंट्रीब्यूशन और लोगों से ज्यादा होता है। 

ऐसे लोगों को सोसाइटी में बहुत इज्जत मिलती है। इन्हें दूसरे लोगों से मिलना-जुलना काफी अच्छा लगता है। ये लोग कल्पनाशील होते हैं। ऐसे लोग अपनी कल्पनाओं को उड़ान देकर उन्हें पूरा करने की भी कोशिश करते हैं। 

गद्देदार या मोटे पैर

वहीं, जिन लोगों के पैर गद्देदार या मोटे होते हैं या जिनके पैर देखकर लगता है कि उनमें सूजन है, ऐसे लोग बहुत ही परेशान रहते हैं। ये लोग किसी से भी अपने दिल की बात कहने में हिचकिचाते हैं और मन ही मन में उस बात को लेकर काफी सोचते हैं। इन लोगों के चेहरे पर अक्सर उदासी छाई रहती है। ये लोग अपने दिल की बात को किसी के सामने खुलकर नहीं रखते हैं। 

कोमल, साफ और लालिमा वाले पैर

वहीं, कोमल, साफ और लालिमा लिए हुए पैर बहुत अच्छे माने जाते हैं। जिन लोगों के पैर ऐसे होते हैं वे बहुत लकी होते हैं। ऐसे लोग अपनी लाइफ में रुपया-पैसा, मान-सम्मान वगैरह सब कुछ हासिल करते हैं। इन लोगों को कम उम्र में ही बहुत कुछ मिल जाता है। इन लोगों का किस्मत 23 वर्ष से लेकर 28 वर्ष की उम्र में ही चमक जाती है। 

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क्या बताती हैं आपके पैर की अंगुलियां?

पैर की अंगुलियां बराबर

इसके अलावा जिन लोगों के पैर की अंगुलियां बराबर होती हैं और अंगूठा लंबा होता है वे आर्टिस्ट या आर्ट लवर होते हैं। इन लोगों की आवाज में आकर्षण होता है और इनसे लोग आसानी से ही प्रभावित हो जाते हैं। ऐसे लोगों रिसर्च के फिल्ड में नाम कमा सकते हैं। 

अगर ऐसे लोगों के पैर का अंगूठा लंबा हो और ऊपर की तरफ से गोलाई वाला हो तो रुपयों के मामलों में ये काफी लकी होते हैं। ऐसे लोगों को 36 वर्ष से लेकर 42 वर्ष तक की उम्र में सक्सेस मिलते देखी गई है। 

पैर का अंगूठा और दूसरी अंगुली बराबर

अक्सर कुछ लोगों का पैर का अंगूठा और दूसरी अंगुली बराबर होती है। ऐसे लोग रौब जमाने वाले होते हैं। ये लोग अपनी बात को दूसरे में मनवाने में माहिर होते हैं। ये लोग दूसरों को डोमिनेट करने की भी कोशिश भी करते हैं। इन लोगों की खासियत ये है कि ये जो भी काम करने की ठान लेते हैं उसे करके ही मानते हैं।

पैर की अंगुलियों के बीच ज्यादा गैप

इसके साथ ही जिन लोगों की पैर की अंगुलियों के बीच ज्यादा गैप होता है वे खुद को दुनिया से अलग-थलग महसूस करते हैं। ऐसे लोगों को अकेले रहना पसंद होता है। ये लोग अपने परिवार के लोगों के साथ भी ज्यादा घुलना-मिलना पसंद नहीं करते हैं।

पैर के अंगूठे से अंगुलियां लगातार घटते हुए क्रम में

जिन लोगों के पैर की बनावट एक दम सही यानी अंगूठे से लेकर अंगुलियां लगातार घटते हुए शेप में होती हैं वे इम्प्रेसिव पर्सनैलिटी के होते हैं। लेकिन इन लोगों में एक कमी होती है। ये लोग अपनी बात के आगे दूसरों की बातों को ज्यादा अहमियत नहीं देते हैं। इसके कारण कभी-कभी इनकी मैरिड लाइफ में भी दरार आ जाती है। 

पैर की सभी अंगुलियां सीधी 

इसके आलावा जिन लोगों के पैर की सभी अंगुलियां सीधी और सही अनुपात में होती हैं, अंगूठा सबसे बड़ा होता है वे सोशल होते हैं। ऐसे लोग चार्मिंग पर्सनलिटी वाले होते हैं। ये लोग अच्छे वक्ता और बिजनेसमैन बनते है। 

पैरों की आयताकार अंगुलियां

अब बात करते हैं जिनकी पैरों की अंगुलियां आयत यानी रेक्टेंगुलर होती हैं उनकी। ये लोग शांत नेचर के होते हैं और कोई भी फैसला सोच-समझकर ही लेते हैं। ऐसे लोग बहुत ही भरोसेमंद और व्यावहारिक यानी प्रैक्टिल लाइफ जीने वाले होते हैं। 

पैर की दूसरी अंगुली अंगूठे से बड़ी 

अगर बात करें उन लोगों की जिनके पैरों की दूसरी अंगुली अंगूठे से बड़ी होती है तो ऐसे लोग बहुत एनर्जेटिक और एंथोसिएस्टिक होने के साथ ही मोटिवेशनल भी होते हैं। ऐसे लोग अधिकतर आर्टिस्ट या एथलीट बनते हैं। ये लोग अच्छे स्पीकर भी होते हैं।

पैर में सटी हुई अंगुलियां

जिन लोगों की अंगुलिया एक-दूसरे से काफी सटी होती हैं यानी जिनकी अंगुलियों में गैप कम होता है और जिनका अंगूठा सबसे लंबा होता है। ऐसे लोग अपनी प्राइवेसी से बिल्कुल समझौता करना पसंद नहीं करते हैं। ऐसे लोग किसी भी सीक्रेट को अपने तक ही रखने वाले भी होते हैं। हालांकि, इनका मूड स्विंग होता रहता है। 

पैर की छोटी अंगुली और अन्य अंगुलियों  के बीच गैप नहीं बनना

इसके आलावा जो लोग अपने पैर की छोटी अंगुली और अन्य अंगुलियों  के बीच गैप नहीं बना पाते वे रूटीन वाली लाइफ जीना पसंद करते हैं। इन लोगों को अपनी लाइफ सिस्टमैटिक चाहिए होती है। ऐसे लोग सेफ फील करना चाहते हैं। ऐसे लोग बहुत ही भरोसेमंद और लॉयल होते हैं। यानी बेहतर कंपैनियन साबित होते हैं। 

पैर की छोटी अंगुली और अन्य अंगुलियों  के बीच गैप 

जो लोग अपने पैर की छोटी अंगुली और अन्य अंगुलियों  के बीच गैप बना पाते हैं, उन्हें अपनी लाइफ में चेंजेस पसंद होते हैं। ऐसे लोग रूटीन लाइफ से ऊब जाते हैं और इससे नाखुश रहते हैं। ये बहुत ही एडवेंचरस होते हैं। हालांकि ये लोग किसी भी चीज से बहुत जल्दी बोर हो जाते हैं। 

पैर के अंगूठे का अपने बराबर वाली अंगुली की ओर झुकाव

वहीं, अगर आपके पैर का अंगूठा, अपने बराबर वाली अंगुली की ओर झुकता है तो यह बताता है कि आप हमेशा जल्दी में रहते हैं। इस जल्दबाजी की वजह से कई बार आपको समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। 

पैर की अंगुलियों का अंगूठे की ओर झुकाव

जिन लोगों के पैर की अंगुलियां, उनके अंगूठे की ओर झुकती हैं वे लोग अपने पास्ट से कभी भी बाहर नहीं निकल पाते हैं। ऐसे लोग हमेशा ही पुरानी यादों के साये में रहते हैं। यानी ये लोग आसानी से मूव ऑन भी नहीं कर पाते हैं। 

पैर की छोटी अंगुली

सामुद्रिक शास्त्र में बताया गया है कि जिन लोगों के पैर की सबसे छोटी उंगली एक जगह पर स्थिर होती है वह काफी क्रिएटिव होते हैं। ऐसे लोगों को खतरों से खेलने का शौक होता है। लेकिन इस वजह से इन्हें कई बार नुकसान भी झेलना पड़ता है। 

एक दूसरे से मिली हुई अंगुलियां

वहीं, जिन लोगों के पैरों की अंगुलियां एक-दूसरे से मिली नहीं होती या उनमें ज्यादा गैप होता है। ऐसे लोग ज्यादातर बीमार रहते हैं। इन लोगों के पास लाइफ में कभी पैसा नहीं टिकता है।

तलवे से कैसे पहचानें आदमी का स्वभाव व अन्य चीजें?

सूप के आकार के तलवे

इसके अलावा जिन लोगों के पैरों के तलवे सूप के जैसे यानी पीछे से छोटे व आगे से चपटे होते हैं और पैरों का रंग भी पीला होता है वे लोग आलसी होते हैं। ऐसे लोगों के जीवन में खुशहाली की कमी होती है। इनके जीवन में पैसा भी कम ही होता है। इन लोगों को गरीबी में जीवन बिताना पड़ता है। 

एड़ी से अंगूठे तक लाइन 

अगर किसी व्यक्ति के तलवे में कोई लाइन एड़ी से शुरू होकर अंगूठे के बीच तक पहुंचती तो ऐसे लोग बहुत ही भाग्यशाली होते हैं। ऐसे लोगों को पास पैसे की कोई कमी नहीं रहती। साथ ही ऐसे लोग अपना जीवन बहुत ही आराम के साथ बिताते हैं।

काले तलवे

जिन लोगों के तलवों में थोड़ा कालापन होता है ऐसे लोगों को पैसे से जुड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। साथ ही ऐसे लोगों को लाइफ में भी कई प्रॉब्लम्स का सामना करना पड़ सकता है।

सफेद तलवे

इसके अलावा कई लोगों के पैरों के तलवों का रंग एकदम सफेद होता है। ऐसा माना जाता है कि इस तरह के लोगों को सही-गलत की पहचान करनी नहीं आती है। ऐसे लोग कोई भी काम करने से पहले बहुत ज्यादा सोचते भी  नहीं हैं। इस चक्कर में कई बार इनका खुद का ही नुकसान हो जाता है। 

आगे से चौड़े पैर

सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिन लोगों के पैर आगे से चौड़े होते हैं उनका स्वभाव बहुत ही चंचल होता है। ऐसे लोग खुद तो पॉजिटिव होते ही हैं साथ ही इनके आस-पास रहने वालों को भी पॉजिटिव फील होती है। हालांकि, कई बार अधिक चंचलता की वजह से यह अपनों को नाराज भी कर देते हैं। 

तलवे पर काला तिल

वहीं, जिन लोगों के पैर के तलवे पर काला तिल होता है वे घुमक्कड़ नेचर के होते हैं। इन लोगों को घूमना-फिरना काफी पसंद होता है और इन्हें एक जगह पर बैठना बिल्कुल भी पसंद नहीं होता है।

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अगर आपके घर में भी है नेगेटिव एनर्जी तो अपनाएं ये उपाय

क्या आपने कभी महसूस किया है कि आपके घर में नेगेटिव एनर्जी है? या आपके घर के लोगों के बीच छोटी-छोटी बातों पर झगड़े होते हैं या कोई न कोई बीमार रहता है?  आपके घर-परिवार के लोगों को फाइनेंशियल क्राइसेस का सामना करना पड़ता है?

अगर आपका जवाब हां है तो हो सकता है ये सब नेगेटिविटी के कारण हो। ऐसे में आपको घर से नकारात्मक ऊर्जा को हटाने के लिए रोजाना कुछ उपाय अपनाने से लाभ मिल सकता है। इस उपायों के लिए आप अपने रसोई के मसाले आदि का उपयोग कर सकते हैं।

क्या उपाय करें?

  • नीम के पत्ते, लौंग, कपूर, धुप व तेजपत्ते को जलाकर इसका धुआं पुरे घर में फैलाएं।
  • अपने लिविंग रूम के कोने में कटोरी में सेंधा नमक या सादा नमक भरकर रख सकते हैं। इसे हर शनिवार को बदल लेना चाहिए।
  • घर पर समय-समय पर गंगाजल में हल्दी डालकर उसका छिड़काव करें।
  • अपने घर में शंख बजाएं।
  • शाम के समय भजन या कोई मंत्र गाएं या उसकी धुन सुनें।
  • सेज की धूनी करने से भी घर की नेगेटिविटी दूर होती है।
  • अपने घर के हर कोने को साफ रखें।

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फ़िरोज़ा खोलेगा बंद किस्मत के ताले !

 

आज हम बात करने जा रहे है बहुत ही खूबसूरत पत्थर  फ़िरोज़ा की जिसे  किंग्स ऑफ़ स्टोन भी कहते है , पहले के समय पर जो राजा महाराजा होते थे उनको ये गिफ्ट किया जाता था ये भारतीय ज्योतिष के साथ साथ पर्शियन और यूरोपियन सभ्यताओं में भी महत्व रखता है। ऐसा माना जाता है की इसको पहनने से आपके पास हर ताले की चाबी आ जाती है। 

फ़िरोज़ा पहनने के फायदे –

  • इसको पहनने से आप हर तरीके की नेगेटिव ऊर्जा से बचे रहते है ये प्रोटेक्शन स्टोन की तरह काम करता है। 
  • इसका इस्तेमाल अध्यात्म और हीलिंग के लिए भी किया जाता है। 
  • कई सरे सेलिब्रिटीज जैसे सलमान खान भी इसे पहना करते है , इसको पहनने से आपके पास हर तरीके की ग्रोथ के मौके बनने लगते हैं। 
  • ये भी कहा जाता है की जिसका कही कुछ नहीं हो सकता, जहाँ सारे उपाय फेल हैं  वहां फ़िरोज़ा कारगर है। 
  • ये लक स्टोन की तरह भी काम करता है ये एस्ट्रोलॉजी में गुरु ग्रह से सम्बन्ध रखता है। 
  • इसे धनु और मीन राशि के लोग पहन सकते है। 

इसे परचेस करने के लिए आप हमारी वेबसाइट  www.gemsmantra.com विजिट कर सकते है । 

भगवान श्रीकृष्ण ने आठवें अवतार के रूप में ही क्यों लिया जन्म? ये जानने के लिए दिए गए लिंक पर click करें। 

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श्रीकृष्ण जन्माष्टमी विशेष: कान्हा के माखन चोरी का क्या था कारण?

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर कई इलाकों में दही-हांडी प्रतियोगिता होती है। इसमें मटकी में मक्खन या दही को ऊंचाई पर लटकाया जाता है जिसे बच्चों और युवाओं की अलग-अलग टोलियां मटकी फोड़कर भगवान की बाल लीलाओं को दिखाती हैं। 

जन्माष्टमी पर किस समस्या के समाधान के लिए करें कौनसा अचूक उपाय? इस टॉपिक पर विशेष जानकारी पाने के लिए दिए गए लिंक पर click करें। 

क्या आपके जेहन में भी कभी यह सवाल आया है कि आखिर क्यों कान्हा गोपियों की मटकी फोड़ते थे और माखन चोरी करते थे? आज के ब्लॉग में हम भगवान श्रीकृष्ण की माखन चोरी की लीला की वजह ही बताने वाले हैं। उनकी इस लीला के पीछे ठोस वजह रही है। 

कहा जाता है कि नंद गांव के लोग कंस को कर यानी टैक्स के तौर पर मक्खन देते थे। ऐसे में भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों से माखन को मथुरा तक भेजने के लिए मना किया लेकिन वे कंस के डर से कान्हा की बात को नहीं मानती थीं। 

इस कारण ही भगवान श्रीकृष्ण गोपियों की मटकियां फोड़ने के साथ-साथ उनका मक्खन चोरी कर खा लेते थे। इसके चलते गोपियां मथुरा तक माखन नहीं पंहुचा पाती थीं। इससे यह संदेश गया कि ब्रज के लोग अब कंस के आतंक से नहीं डरते हैं। 

भगवान श्रीकृष्ण ने आठवें अवतार के रूप में ही क्यों लिया जन्म? इस टॉपिक पर विशेष जानकारी पाने के लिए दिए गए लिंक पर click करें। 

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भगवान श्रीकृष्ण ने आठवें अवतार के रूप में ही क्यों लिया जन्म?

क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर श्री कृष्ण के रूप में भगवान ने अष्टमी तिथि को ही क्यों चुना? उन्होंने देवकी के आठवें पुत्र के रूप में ही क्यों जन्म लिया? क्या आपको पता है कि जन्माष्टमी पर कौनसा उपाय करके आप अपने घर में खुशहाली और शांति ला सकते हैं। आज हम इसी पर बात करेंगे।  

जन्माष्टमी पर किस मुहूर्त में पूजा करने से पूरी होगी हर मुराद? इस टॉपिक पर विशेष जानकारी पाने के लिए दिए गए लिंक पर click करें। 

  • अगर आपने नोटिस किया होगा तो भगवान श्रीकृष्ण ने अपने पुरे जीवन का एक ही मंत्र रखा ‘कर्म’। भगवान कृष्ण का गीता का उपदेश हो या उनके काम। इन सब में एक ही बात दिखती है और वो है कर्म। जिसका कोई ऑप्शन नहीं है। जैसे- भगवान कृष्ण ने कंस को उसके कर्मों का फल दिया। महाभारत का युद्ध कर्म के ही कारण हुआ। 
  • अब बात करते हैं 8 नंबर और कर्म की। न्यूमेरोलॉजी में 8 नंबर को शनि महाराज से एसोसिएट किया गया है और शनिदेव कर्मफल दाता माने जाते हैं। यानी जिसका जैसा कर्म उसे वैसा फल। इसलिए कहा जाता है कि 8 नंबर कर्म को दर्शाता है। इसलिए भगवान ने भी आठवें अवतार में ही हमे ये सिख दी कि “कर भला तो हो भला”

इस बार जन्माष्टमी 26 अगस्त यानी सोमवार को पड़ रही है। इस बार जब आप लड्डू गोपाल का जन्मोत्सव रात में मनाएं तो उन्हें पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराने के बाद सुंदर से वस्त्र पहनाएं और माखन-मिश्री का भोग लगाना भी न भूलें। वहीं, आपको लड्डू गोपाल जी को शहद चटाना भी नहीं भूलना चाहिए। इससे आपके परिवार में सभी लोगों के बीच प्यार बढ़ेगा और कलह खत्म होंगे। 

जन्माष्टमी पर किस समस्या के समाधान के लिए करें कौनसा अचूक उपाय? इस टॉपिक पर विशेष जानकारी पाने के लिए दिए गए लिंक पर click करें। 

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जन्माष्टमी पर किस समस्या के समाधान के लिए करें कौनसा अचूक उपाय?

क्या आपको परेशानियां घेरे रहती हैं? क्या आपके जीवन में भी रुपयों की कमी है? क्या आप अपने करियर में खुद को फंसा हुआ महसूस कर रहे हैं? क्या आपकी संतान नहीं हो रही है? या आपकी अपने लाइफ पार्टनर से अनबन होते रहती है? अगर इनमें से किसी भी सवाल का जवाब हां है तो ये ब्लॉग आपके लिए खास होने वाला  है। दरअसल, आज हम बात करने वाले हैं जन्माष्टमी पर किए जाने वाले कुछ ऐसे उपायों के बारे में जिन्हें करने से आपकी प्रॉब्लम्स सॉल्व हो सकती हैं।

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फाइनेंसियल प्रॉब्लम्स से उभरने के लिए उपाय- 

  • अगर आप फाइनेंसियल क्राइसेस के दौर से गुजर रहे हैं तो आपको जन्माष्टमी पर राधा-कृष्ण भगवान के मंदिर में जाकर अपने हाथों से बनाई गई पीले फूलों की माला या वैजयंती के फूलों की माला कान्हा जी को पहनानी चाहिए। 
  • अगर आपको लोन या कर्ज चुकाने में प्रॉब्लम फेस करनी पड़ रही है तो इस बार जन्माष्टमी पर आपको माता लक्ष्मी के स्वरूप माने जाने वाले दक्षिणावर्ती शंख से भगवान श्रीकृष्ण का अभिषेक करना चाहिए। यानी उन्हें स्नान कराना चाहिए। इससे भी फाइनेंसियल प्रॉब्लम्स दूर होती हैं और माता लक्ष्मी की कृपा बरसती है। 
  • इसके अलावा अगर आप सुख-समृद्धि पाना चाहते हैं तो जन्माष्टमी के दिन लड्डू गोपाल जी को पूजा करते समय पान का एक पत्ता चढ़ाएं। बाद में इस पत्ते पर सिंदूर से ‘श्री’ लिखकर पूजा करने के बाद अपनी तिजोरी में रख दें। इससे आपके घर-परिवार में बरकत आएगी और कभी फाइनेंसियल प्रॉब्लम्स नहीं आएंगी। 

रिलेशन में मजबूती के लिए उपाय- 

  • अगर आपकी मैरिड लाइफ में प्रॉब्लम्स आ रही हैं या आप अपने रिलेशनशिप को और अधिक मजबूत बनाना चाहते हैं तो आपको भगवान कृष्ण का दक्षिणावर्ती शंख में दूध भरकर अभिषेक करना चाहिए। 
  • इसके अलावा कृष्ण जन्म के समय लड्डू गोपालजी को सोने में शहद चटाने से भी घर-परिवार में रिलेशन अच्छे होते हैं। 
  • इसके साथ ही लड्डू-गोपाल जी को इलायची का भोग लगाने से भी घर-परिवार के सभी सदस्यों में प्यार-स्नेह बढ़ता है। 

निसंतान दंपति के लिए उपाय-

  • निसंतान दंपत्ति को जन्माष्टमी के दिन गाय और उसके बछड़े की सेवा करनी चाहिए। 
  • इसके साथ ही आप अपने घर में गाय और उसके बछड़े की मूर्ति लाएं। उसे लड्डू-गोपालजी की मूर्ति के पास रखकर उनकी भी पूजा करें। ऐसा करने से भगवान श्रीकृष्ण की कृपा से जल्द ही अच्छी खबर मिलती है। 
  • इस दिन संतान गोपाल मंत्र या संतान गोपाल सहस्त्रनाम का जप करने से भी संतान की प्राप्ति होती है। 

ग्रह क्लेश दूर करने के उपाय-

  • जन्माष्टमी के दिन संध्या के समय तुलसी के पौधे सामने घी का दिया जलाएं और ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करते हुए पौधे की 11 बार परिक्रमा करें। इससे आपके घर में सुख-शांति आएगी और घर के सभी क्लेश दूर होंगे। 
  • जन्माष्टमी पर राधा-कृष्ण के मंदिर में अनाज चढ़ाना चाहिए। इसके बाद इसे गरीबों को दान करने से परिवार में सुख-शांति आती है। 

करियर में सक्सेस पाने व किस्मत जगाने के लिए उपाय-

  • करियर में सक्सेस पाने के लिए इस दिन आपको कपूर जलाकर उस पर थोड़ी मिसरी डालनी चाहिए। इसके साथ ही कपूर और मिश्री का दान करना भी अच्छा माना जाता है। 
  • जन्माष्टमी के दिन लड्डू गोपालजी को माखन-मिश्री, सफेदद मिठाई व केसर-मेवे का तुलसी दल डालकर भोग लगाने से किस्मत चमकती है। 
  • इसके अलावा लड्डू-गोपाल जी को चीनी के बजाय मिश्री डालकर बनाई गई मखाने की खीर का भोग लगाने से भी उनकी कृपा हमेशा बनी रहती है। भोग लगाते समय तुलसी दल डालना बिलकुल भी न भूलें। 

ये थे कुछ ऐसे टोटके जिन्हें इस जन्माष्टमी पर कर के आप अपने जीवन की हर मुश्किल से निजात पा सकते हैं। इस बार सिर्फ व्रत और पूजा ही नहीं बल्कि इन उपायों को भी करें। हमारे साथ कमेंट सेक्शन में अपने अनुभव जरूर शेयर करें।  

मंगल का जन्माष्टमी पर होगा बड़ा गोचर, अब मचेगा तांडव! इस टॉपिक पर विशेष जानकारी पाने के लिए दिए गए लिंक पर click करें। 

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जन्माष्टमी पर किस मुहूर्त में पूजा करने से पूरी होगी हर मुराद?

अगर आप भी चाहते हैं कि आपकी हर मुराद पूरी हो तो आपको इस बार जन्माष्टमी पर मुहूर्त के अनुसार ही लड्डू गोपाल जी की पूजा करनी चाहिए। आज हम आपको बताएंगे जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल जी की पूजा का सही समय क्या है? इसमें आप जो भी पूजा या उपाय करेंगे उसके सफल होने के चान्सेज दोगुने हो जाएंगे।

जन्माष्टमी मुहूर्त 

  • इस साल जन्माष्टमी 26 अगस्त 2024 के दिन मनाई जाएगी। इस दिन अष्टमी तिथि की शुरुआत सुबह 3:49 बजे होगी। इसका समापन अगले दिन यानि 27 अगस्त की तड़के 2:20 बजे होगा। 
  • 26 अगस्त को दोपहर 3:55 बजे रोहिणी नक्षत्र की शुरुआत होगी जिसमें माखनचोर नटखट कन्हैया का जन्म हुआ था।  
  • वहीं, इसी समय सर्वार्थ सिद्धि योग भी शुरू हो रहा है। 
  • जन्माष्टमी पर निशीथ काल की पूजा का समय रात 12:00 बजे से 12:45 बजे तक रहेगा।  
  • अगर आप इस मुहूर्त में कोई भी उपाय या पूजा करते हैं तो व सफल व फलदाई होगा। 

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हल षष्ठी- जब होती है हल की पूजा व नहीं पिया जाता दूध-दही

क्या आपको पता है कि हमारे देश में एक ऐसा पर्व भी आता है जिस दिन हल की पूजा की जाती है और दूध या दही भी नहीं पीया जाता है। आज हम इसी के बारे में बात करेंगे।

दरअसल, भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को हल छठ यानी हल षष्ठी का पर्व मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन भगवान बलराम का जन्म हुआ है। इस बार हल षष्ठी का व्रत 24 अगस्त को पड़ रहा है। 

माना जाता है कि हल षष्ठी का व्रत अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा ने भगवान श्रीकृष्ण के कहने पर रखा था। इस व्रत के प्रभाव से ही जब अश्वतथामा ने उनके बच्चे को नुकसान पहुंचने की कोशिश की तो वे असफल रहे। इसी कथा से हल षष्ठी के महत्व के बारे में पता चलता है। 

इस व्रत को शादीशुदा महिलाएं अपने बच्चों की रक्षा के लिए करती हैं।  इस दिन भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम जी की पूजा की जाती है।  

क्या करें, क्या न करें ? 

  • हल छठ के दिन किसान हल की पूजा करते हैं और इस दिन दूध दही का उपयोग भी नहीं करते हैं।
  • इस दिन सात प्रकार के अनाज और घी का दिया भगवान बलराम के आगे जरूर जलाया जाता है।

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